क्या कभी आंखों आंखों में प्यार हो सकता है
जिसके लिए बातों की जरूरत ही ना पड़े
जो शब्दों से बयां करने की कभी जरूरत ही ना पड़े
जिसके लिए अल्फाज भी कम पड़ जाए
जिसकी आंखों में तुम्हें साफ तौर पर दिख जाए
कि वो तुमसे कितना प्यार करता है
कितनी दिल्लगी करता है
कितनी मोहब्बत करता है
उसकी आंखों में तुम से बिछड़ने का डर
तुमसे अलग होने का डर
तुम्हें खो देने का डर
साफ तौर पर दिखाई दे रहा हो
उसकी अदाओं में
उसकी बातों में
उसकी निगाहों में
एक अजीब सी बेचैनी दिख रही हो
जो आज से पहले तुमने कभी नहीं देखी हो
वो तुम्हें इसलिए इग्नोर कर रहा हो
क्योंकि उसके तुम्हारे जीवन से जाने के बाद तुम्हें तकलीफ ना हो
जो तुमसे दूरियां बनाना चाहता हो
इसलिए नहीं क्योंकि वह तुमसे मिलना नहीं चाहता
या बातें करना नहीं चाहता
बल्कि इसलिए क्योंकि वह तुम्हें एक साथ दर्द देना चाहता हो
एक बात बताऊं...?
अगर ऐसा कोई इंसान तुम्हारे जीवन में है ना
तो सच बताऊं...?
तुमसे ज्यादा खुशनसीब इंसान कोई भी नहीं