कुछ कहानी तुम ऐसी लिख चलो
कुछ शैतानी तुम ऐसी कर चलो
कुछ दास्तान तुम ऐसी बन चलो
जो जानों में भी अंजानी हो
जो लिखी तुम्हारी जुबानी हो
जिसके पीछे दुनिया ये दीवानी हो
जिसे देख लोग बेकाबू हो जाए
जिसे सुन लोग, ना काबू हो पाए
भले ही वो कहानी, वो दास्तान कैसी भी हो
लेकिन वो कहानी लिखी हुई, सिर्फ और सिर्फ तुम्हारी हो
जो तुमको अच्छा लगे
उसके शब्द तुम बन चलो
जो अगर तुमको ना भाए
तो बेशब्द तुम बन चलो
ना कोई तुम्हे रोकनेवाला हो
ना कोई तुम्हे टोकनेवाला हो
ऐसी कुछ खूबसूरत सी
नदियों में बिन पानी तुम बह जाओ
पर ध्यान रखना एक बात
कहीं ना आवेग में तुम ढह जाओ
चाहो तो किसी मदमस्त हाथी की भांति
दुनिया से बेखौफ, बेफिक्र, बेजिजक तुम बन जाओ
लोग भले ही तुम्हें नापसंद करे
लोग भले ही तुम्हारी काबिलियत पर शक करे
भले ही लोग तुम्हारे जितने पर अफसोस जताये
भले ही लोग तुम्हारे गिरने पर जश्न मनाये
लोग हंसते है... हंसने दो
लोग नापसंद करते है...करने दो
लोग गिराना चाहते है...गिराने दो
लोग तुम्हारी काबिलियत से बेखबर है...रहने दो
लोग तुम्हारे जितने पर अफसोस जताते है...जताने दो
पर...
तुम अपनी क्षमता से समझौता मत करो
तुम अपनी ममता में कुछ गलत मत करो
करो कुछ ऐसा
मानो है ये कोई जादुई दुनिया
जहां भेजा गया हो तुम्हें बनाके रखवाला
या हो तुम किसी के दुःख की चाबी का ताला
तुमने जो दुःख सहे हो
वो किसी की जुबानी आ पाए
जो आ जाए वो जुबान पर अगर
तो वो तुम्हें दोबारा से बेजुबान ना बना पाए
ऐसी कुछ
जो किसी के समझ में ना आये
जो आ जाए, तो तुम्हारे सामने टिक ना पाए
तुम्हारे शब्दरूपी बाण का वो जवाब ना दे पाए
तुम्हें गिराने का शौक पालनेवाले वो मौन बन जाए
ऐसी कहानी तुम बन जाओ
जो हो अनदेखी सी, अंजानी सी, निराली सी
जो हो करोड़ों में अकेली सी
जो हो बेबाक, बेजीजक सी
जो हो विचारों से होठों तक
और जो बाकी रह जाए
वो स्याही बन कागज में बह जाए
या पंछी बन हवा में उड़ जाए
या बादल बन हवा में बिखर जाए
या किसी शायर की शायरी बन जाए
और अगर कुछ ना कर पाओ
तो अपनी ऐसी कहानी लिख जाओ
अपनी मन मस्त दास्तान लिख जाओ
जिसे सदियों तक याद किया जाए
चाहते हुए भी तुम्हें ना भूला पाए
ऐसी कोई कहानी तुम लिख जाओ
ऐसी कोई कहानी तुम लिख जाओ