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अनंत सफर

14 August 2024 by
Jepin Tank

जियो कुछ तुम इस कदर

मानो है ये कोई अनंत सफर


जिंदगी तो है बस चार दिन का मेला

ना है कोई और दूजा जमेला

इन चार दिनों में भी क्यूं पालना किसी से बैर

नहीं उगलना अपने मुंह से किसी के लिए भी जैर


आए हो अगर इस दुनिया में तुम

तो, या तो तैर कर उसे महेसूस कर लो

या डूब कर खुदको महेफूज कर लो


चाहो, तो आदित्य से तुम दोस्ती कर लो

या बिन दोस्त बनाए ही तुम खुद से ज्याख्ती कर लो


चाहो, तो भानू की वो पहेली किरण का

तुम आनंद ले लो

या बिस्तर में पड़े, सुहाने सपनों के

तुम खर्राटे ले लो


सुहानी शाम में तुम खुदके साथ रह लो

या बिन बात ही तुम किसी से झगड लो


ढलती शाम में तुम जीना सीख लो

या कल के तनाव में तुम अंगड़ाइयां ले लो


तुम जो भी करो

खुदके साथ करो

खुदसे करो


चाहे मोहब्बत ही करो

लेकिन बेशुमार करो

चाहे अकेले ही रहो

खुदसे मिलने की चाहत रखो


क्योंकि जिंदगी के साथ भी बहुत कुछ है

और जिंदगी के बाद भी बहुत कुछ घटनेवाला है


कुछ यादें यहीं रह जानेवाली है

तो कुछ यादें तुम में सिमटनेवाली है

तो कुछ यादें अनंत बनजानेवाली है

कुछ यादें अनंत बनजानेवाली है

Jepin Tank 14 August 2024
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