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अनसुना प्यार

14 August 2024 by
Jepin Tank

बिन कहे जो अल्फाज़ बन जाए

बिन सुने जो ख्वाब सज जाए

वही तो प्यार है जनाब

जो शायरी बन मुकम्मल हो जाए


आंखो से आंसू बन

होठों पे मुस्कान सज

तुम्हारे सारे गमों को पी जाए

वही तो प्यार है जनाब

जो तुम्हें तुमसे वाकिफ करा जाए


ना कुछ कहने को रह जाए

ना कुछ सुनने को बच जाए

फिर भी बातें हजार हो जाए

वही तो प्यार है जनाब

जो मौन से भी बातें करा जाए


शब्दों में कहीं गुमनाम है

बेशब्दों में जो बदनाम है

जीना जो आसान करा जाए

वही तो प्यार है जनाब

जो अल्फाज़ बन उभर आए


हाल दिल का बुरा है

वो पास फिलहाल कहां है

फिर भी उसके आने की आस दिखा जाए

वही तो प्यार है जनाब

जो हालातों से भी भीड़ जाए


पलकें जब नम हो

तुममें डूबा कोई गम हो

जब उसके आने की तारीख भी गुजर जाए

वही तो प्यार है जनाब

जब अंत में बाकी सिर्फ इंतजार बच जाए


फिर से उसके आने की एक आस सजे

सूरज की पहली किरण सी वो दिख चले

जब बाहों से बाहें टकरा जाए

वही तो प्यार है जनाब

जब बारबार वो कहीं तुममें ही लापता हो जाए


जब तुम आमने-सामने हो

बोलना भले ही कुछ ना चाहो

जब आंखो में एक बिजली सा दौड़ जाए

वही तो प्यार है जनाब

जब चार आंखे दो बन जाए


बरसों से तुम लापता थे

कौन, कहां ? इससे गुमशुदा थे

फिर भी दोनों से कुछ ना कहा जाए

वही तो प्यार है जनाब

जो मिलकर भी बिछड़ सा जाए


रातें डरा रही हो

आहटें सता रही हो

भले ही लाख बातें करलो तुम साये से

पर वही तो प्यार है जनाब

जो पूरी-पूरी रात तुम्हें जगा जाए

Jepin Tank 14 August 2024
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