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अनसुनी कहानियां 1

14 August 2024 by
Jepin Tank

आंखों में बातें है

बातों में कहानियां है

कहानियों में आंसु है

उन आंसुओं को पी ले जरा

उसे याद कर कुछ लिख ले जरा


बरसात वाली धूप में

धूप से बंधी छांव में

पायलों की खनखन वाली धून

और गुनगुनाते पांव में

हम दोनों यूं उलझे

ना कुछ पता चला

ना कुछ समझ पाए

आंखे कुछ यूं एक हुयी हमारी

दुसरा मौसम भी आन चला

फिर भी न जान पाये


वो बरसात वाली खुश्बु

खुश्बु के बादवाली

वो मनमोहक इतर की झलक

अभी भी बची थी

हम दोनों के बीच में हुयी

कुछ तो दिल की हेराफेरी थी

पर क्या मेरी और तेरी

इतनी ही दिल की अदलाबदली थी

या आगे और भी कहानियां

आंसुओं से भरी बाकी थी


या फिर ...

इस प्रकृति ने मेरे साथ की

कुछ ज्यादा ही ज्याख्ती थी

Jepin Tank 14 August 2024
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