Skip to Content

बैक बेंचर्स

14 August 2024 by
Jepin Tank

पाठशाला की हर गलियों में

पाठशाला के हर चौबारो में

वह आपको मिल ही जाते हैं

कुछ नए अंदाज में

तो कुछ पुराने ख्यालातों में

वह आपसे भीड़ ही जाते हैं


अक्सर लोग उन्हें समझते

निकम्मे नालायक है

क्योंकि अंदाज हो अपने लाते

नए निराले हैं

वही लोग आगे जाकर

बैक बेंचर्स कहलाते है


नहीं मिलता उन्हें कोई इनाम है

पर बैकबेंचर्स होना ही

अपने आप में एक खिताब है


कुछ शांत तो कुछ घोंघटिये आवाज में

कुछ सुरीले तो कुछ अड़ियल सी गुफ्तगू में मग्न

तो कुछ अपने यारों के यार


पाठशाला की आखिरी पाटली पर

अपनी ही मौज में मस्त

दुनिया से बेफिक्र होकर चलनेवाले

कंधे से कंधा मिलाकर साथ देनेवाले

या कभी कभार अकेले चाहनेवाले

वह आपको मिलने ही वाले हैं


फर्स्ट बेंचर्स के साथ लास्ट बेंचर्स

आपको बोनस में मिलने ही वाले हैं


पाठशाला की वह छत के नीचे

कुछ बनते डॉक्टर तो कुछ बनते इंजीनियर है


पर अगर जिनी हो वाकई में जिंदगी

दुनिया के शोरगुल से दूर

बिना किसी फिक्री के

तो वह आपको यही निकम्मे नालायक

बैक बेंचर्स की सिखाते हैं


अगर बसानी हो जिंदगी, जो है बेहद कीमती

तो वह आपको फर्स्ट बेंचर्स ही सिखाते हैं

लेकिन बनानी हो जिंदगी, जो है बेहद खास

भले ही हो तुम कितने ही नाराज

तो आपको केवल लास्ट बेंचर्स ही सिखाते हैं


पर पता नहीं क्यों...?

लोग फिर भी उन्हीं झूठलाते हैं

फिर भी उन्हें ही झूठलाते हैं


बिना उनके फर्स्ट बेंचर्स का कोई वजूद नहीं

उनके जितना बगीचे में सुंदर, दूजा कोई फूल नहीं

जैसे फूल पूरे तन बदन को महकाते हैं

किसी चिड़िया की भांति, पूरी पाठशाला में चहचहाते हैं


भले ही ना आती हो उन्हें कक्का की रीति

फिर भी जिंदगी की दौड़ में हमेशा आगे ही खड़े मिलेंगे किसी चीते की भांति, किसी चीते की भांति

वो हमेशा आपको दौड़ते ही मिलेंगे


पाठशाला की हर गलियों में

पाठशाला के हर चौबारो में

वह आपको मिल ही जाते हैं

कुछ नए अंदाज में

तो कुछ पुराने ख्यालातों में

वह आपसे भीड़ ही जाते हैं


अक्सर लोग उन्हें समझते

निकम्मे नालायक है

क्योंकि अंदाज हो अपने लाते

नए निराले हैं

वही लोग आगे जाकर

बैक बेंचर्स कहलाते है


Jepin Tank 14 August 2024
Tags
Archive