Skip to Content

दिल्लगी

14 August 2024 by
Jepin Tank

जिस गली से तुम गुजरती थी

उस गली जाना छोड़ दिया

जब तुम ना मिली तो

अब किसी और से भी

दिल्लगी करना छोड़ दिया


जब तेरी जुल्फें

मेरी आंखों से गुजरा करती थी

वो भी क्या हसीन दिन थे

जब तुम मेरी सड़कों से

मेरे दिल की धड़कनों से

एक हसीन मुस्कान लिए

ख्वाब देखा करती थी

ख्वाब देखा करती थी


लड़कियां तो बहुत मिली राहों में

कोई मासूम तो कोई प्यारी

कोई चिड़चिड़ी तो कोई अड़ियल सी

कोई समझदार तो कोई ना समझ सी

कोई गुस्सैल तो कोई शांत

कोई सुलझी हुई तो कोई उलझी हुई सी

लेकिन कोई तुमसा ना मिला

कोई तुमसा ना मिला


कभी एक दोस्त की तरह समझती थी

तो कभी अपनों की तरह समझाती थी

तो कभी मेरी गलतियों पर

डांट भी दिया करती थी

डांट भी दिया करती थी


पर शायद कभी तुम

मेरी थी ही नहीं

या फिर

मेरा होने का ढोंग रचा करती थी

मेरा होने का ढोंग रचा कर दी थी


खैर...

कोई नहीं

ये दुआ तब भी थी

और आज भी करता हूं


तूं जहां भी रहे

खुद भी खुश रहे

और दूसरों में भी

खुशियां बांटती रहे

चाहे मुश्किल कितनी भी आए

चाहे मुश्किल कितनी भी आए


ये दुआ करता हूं... ये दुआ करता हूं... ये दुआ करता हूं

Jepin Tank 14 August 2024
Tags
Archive