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एक ख़्वाब

14 August 2024 by
Jepin Tank

एक ख्वाब सजाओ नजमों में

उसे मुस्कान पे सजा दो

कुछ लब्ज़ चुरा लो गजलों से

उसकी कीमत चुका दो


तूं एक मीठी सी याद बन जा

सुहानी सी शाम बन जा

बिन बादल की बरसात बन

भीगा हुआ सा एहसास बन

या मोर की टहनी बन

बस तू नयनों में बस जा

एक ख्वाब बसाओ आंखों में

उसे अपनी रगों में बसा लो


चाहे अदा अनजानी हो

शरत पुरानी हो

किसी मुकुट की रानी हो

या पहेली बुझानी हो

या घाव रूहानी हो

बस तूं तड़पन बन जा

या अर्पण कर जा खुदको

ऐसा एक ख्वाब बनाओ जीवन को

उसे अपनी रूह में बसा लो


पर्वत से शिखर पर पहुंच

जहां किसी ने ना डाली को फूट

चाहे घाव कितने ही जाए सूज

पर ना बनो तुम कभी मजदूर

बनो कुछ ऐसा शिखर

जिसे हर कोई हांसिल करना चाहे

जिसमें हर कोई बसेरा करना चाहे

ऐसा एक ख्वाब सजाओ जीवन में

उसे अपनी मजबूती बना लो


एक ख्वाब सजाओ नजमों में

उसे मुस्कान पे सजा दो

कुछ लब्ज़ चुरा लो गजलों से

उसकी कीमत चुका दो


Jepin Tank 14 August 2024
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