क्या इंट्रोवर्ट होना कोई गुनाह है?
अगर मुझे भीड़भाड़ वाली दुनिया से दूर खुदके साथ रहना
खुदके साथ समय बिताना पसंद है तो मैं क्या करूं?
अगर मुझे लोगों से मिलना, लोगों से बातचीत करना
पसंद नहीं तो इसमें मेरी क्या गलती ?
जब में दूसरे एक्स्ट्रोवर्ट को देखता हूं
जो लोगो से आसानी से गुलमिल जाते हैं
जो पार्टीस वगेरे में जाते हैं
जो लोगों से मिलते हैं
लोगों को भी ऐसे लोगो से मिलना पसंद होता है
तब में ये सोचता हूं कि
काश मैं भी ऐसा होता
मुझे भी लोग पसंद करते
मेरे पास भी लोग मुझे सुनने के लिए बैठते
मैं भी आसानी से लोगो के साथ गुलमिल जाता
पर मैं ऐसा नहीं हूं तो मैं क्या करूं?
ऐसा नहीं कि इंट्रोवर्ट्स किसी से बात नहीं करना चाहते
वो चाहते तो है लेकिन वो कर नहीं पाते
वो बस इसी डर में रह जाते है कि
अगर उससे कोई गलती हो गई और
वो सबके सामने हँसी का पात्र बन गया तो ?
वो बस अपनी उस छोटी सी दुनिया में खुश रहना चाहता है
जहाँ उसके अलावा और कोई दस्तक ना दे सके
जहाँ पर सिर्फ वो हो और हो बस उसकी यादें
अगर आपके आसपास भी कोई ऐसा इंसान है
जो अपने आप में ही मस्त रहता है
जो लोगो से ज्यादा बातचीत नहीं करता
तो रहने दो ना ... उसे अपनी छोटी सी दुनिया में
क्यों तुम उसे अपने जैसा बनने के लिए फोर्स करते हो ?
और सच बात तो यही है ना ...
कि इस दुनिया को सिर्फ इंट्रोवर्ट्स ने ही तो बदला है
क्यूं सही है ना?