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जिंदगी के रंग

14 August 2024 by
Jepin Tank

जिंदगी को अल्फाजों से भर देना

अल्फाज बन आंखों से निकल जाना

यही तो है जिंदगी के असली रंग

दो पल ठहर के, जिंदगी को सुकून दे जाना


बातें ना होने के बावजूद

हजारों बातें कर जाना

हजारों बातें ना सही

पर एक बात किसी से ऐसी कर जाना

किसी को जिंदगी का नया नजरिया दे जाना


कभी जिंदगी को जीना सीखाना

तो कभी जिंदगी से जीना सीखना

हजारों ख्वाहीशें होने के बावजूद

बस छुपके से समय आने पे नीकल जाना

निकल कर, बिखर कर, वापिस से

किसी और के साथ जुड़ जाना


कुछ ऐसी ही तो है जिंदगी

अनचाही राहों पर वापिस से फिसल जाना

फिसल कर, उठकर फिर से लंबी दौड़ लगाना


और अंत में...

एक पानी की बुंद बन

अनंत से दरिया में जाकर मिल जाना

दरिया का जरिया बन खाक हो जाना

Jepin Tank 14 August 2024
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