पता नहीं तुम्हारा महत्व क्यूं है मेरी जिंदगी में इतना
की तुम्हारे अलावा किसी और का ख्याल ही नहीं आता
लोग तो बहुत आए और गए मेरी जिंदगी में
लेकिन तुम चली ना जाओ मेरी जिंदगी से
बस यही डर सताता रहता है
अगर तुमसे दिन में एक बार बात ना करूं
तो बेचैनी सी लगती है
तुम्हारे बिना पता नहीं क्यूं पर
अब एक भी काम में दिल नहीं लगता है
कहीं तुम्हारा कोई मेसेज तो नहीं आया
बस यही देखने के लिये मेरा व्हाट्सएप खुलता है
कहीं तुम मुझसे दूर तो नहीं चली जाओगी
बस यही सोचकर मेरा दिन गुजरता है
लड़कियां तो बहुत आयी होंगी मेरी जिंदगी में
शायद तुमसे भी मॉडर्न, तुम से भी खूबसूरत
लेकिन तुम्हारी सादगी में जो बात है
वो किसी और में नहीं है
तुम्हारी अदाएं मुझे भा सी गई है
और तुम्हारी वही अदाओं ने मुझे घायल कर दिया है
बस यही सोचता हूं
कि मेरी किसी बात का तुम्हें बुरा न लग जाए
और अगर बुरा लग भी जाए तो
तुमसे एक बार नहीं
हजार बार माफी मांगने को दिल करता है
जब भी मैं स्ट्रेस फील करता हूं
एक तुम ही तो हो जिससे मेरा बात करने को दिल करता है
और पता नहीं क्यूं
पर तुम से एक बार बात करके में रिलेक्स फील करता हूं
पता नहीं तुमने वो नोटीस किया की नहीं
पर अब हमारी बातचीत का सिलसिला बढ़ सा गया है
मैं हर रोज बस मौके ढूंढता रहता हूं कि
कैसे तुमसे बस एक बार ... बस एक बार बात कर लूं
तुम्हारी वजह से
तुम हो इसलिए तो मैं कुछ लिख पाता हूं
अगर तुम मेरे साथ
मेरी सांसों में, मेरी धड़कनों में ना बसती
तो शायद में एक बेजान लाश के अलावा कुछ ना होता
पता नहीं क्यूं पर मुझे तुम्हारी सबसे ज्यादा चिंता होती है
पता है? आज तक इतनी ज्यादा चिंता मुझे किसी की भी नहीं हुई
पता नहीं क्यूं पर तुमसे बात करके मैं
अपना सारा टेंशन, सारी थकान, सारा स्ट्रेस भूल जाता हूं
क्या इसे ही लोग प्यार कहते हैं?
अगर हां, तो ...
शायद मुझे तुमसे शिद्धतोंवाला प्यार हो गया है
और यही वो प्यार है जो
मुझे और तुम्हें एक ही डोर में बांधे रखता है
चाहे हम कितने भी एकदूसरे से नाराज हो या रुठे हुए हो
क्यूं सही है ना ... ???