लड़ते भी रहना चाहिए
गिरते भी रहना चाहिए
अगर सीखना है तुझे कुछ नया
तो चिड़ते भी रहना चाहिए
ये सपनों का दौर है
सपनों को साकार करने का जोर है
सपने भी देखते रहना चाहिए
उनको पूरे भी करते रहना चाहिए
क्या पता कब कोई शिकारी शिकार करने आ जाए
कब कोई अपनों की खाल में भेड़िया घूस जाये
जो तुम्हारी छोटी सी दुनिया में अपना रंग जमा दे
तुम्हारे लाख 'ना' करने पर भी तुम पर अपना हक जता ले
फिर ना चाहते हुए भी तुम्हें
उसीके रंग से रंगना होगा
भले ही उसको देखकर
तुम्हारा खौलता खून होगा
भले ही ना देता होगा
तुम्हें वो सुकून होगा
लाख मनाई करने पर भी
उस पर अपनेपन का सवार जुनून होगा
तब फिर...
तुम यूं ही बचते फिरोगे
या सबसे मरते फिरोगे
तुम्हारे दिल में क्या है
ये सबसे कहते फिरोगे
तुम क्या करना चाहते हो
तुम क्या बनना चाहते हो
सबसे कहते फिरोगे
लेकिन...
तुम्हारी एक ना सुनी जायेगी
तुम्हें कब सोना है, कब जागना है
वो सिर्फ उन्हीं की जुबानी होगी
तब तुम्हारे पास एक ही हल रह जायेगा
जब तुम पर किसी और का हक बच जायेगा
तब...
या तो तुम्हें चुनना होगा वो सवेरा
जो औरों के जीवन में लायेगा एक उजड़ा अंधियारा
या किसी और के लिए साबित हो सकता है
वो पतंग का ढेरा
या चाहो तो किसी के बदौलत तुम कर सकते हो
अपना पग पसेरा
बशर्ते...
लड़ना होगा तुम्हें अपनी आखिरी सांस तक
नहीं माननी होगी हार अपने आखिरी जज़्बात तक
और अगर हार गए तुम इस जहां से लड़ते-लड़ते
जो देखे थे कभी सपने तुमने डरते-डरते
फिर भी...
बोलना पड़ेगा इस जहान को अलविदा
एक हसीन मुस्कान भरे, मरते-मरते
लड़ते भी रहना चाहिए
गिरते भी रहना चाहिए
अगर सीखना है तुझे कुछ नया
तो चिड़ते भी रहना चाहिए