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ख्वाबों से यारी

14 August 2024 by
Jepin Tank

अपने ख्वाबों से अब

कर ली मैंने यारी है

किसी और से नहीं अब

खुदसे मिलने की तैयारी है


देखते ही देखते वो मेरे

ख्वाबों से टकराकर चले गए

वही तो है जो मेरे

ख्वाबों को चुराकर ले गए


क्यों आते हो तुम मेरे संग

रंग जाओ ना तुम मेरे रंग

नहीं रंगना चाहता में तुम्हारे रंग

पर अपने रंगो से ही खेलो ना तुम मेरे संग


ये जिंदगी नयी है, दौर नया है

पर यहां लगता ख्वाहिशों का मेला

वही पुराना है, वही पुराना है

जहां हर किसी को चाहिए चांदी और सोना है

इसके चक्कर में हर चांदनी रात में बस रोना है


सोने के चक्कर में भूल रहे लोग सोना है

सोने के आगे, सोने के अलावा

जो है मिलनेवाला, वो कुछ अंजाना है

पर कर लेते तुम अगर उस अनजान से दोस्ती

तो शायद ये दुनिया तुम्हें ना कोसती


जानते तो है लोग दुनिया में सब कुछ नया

पाना चाहते तो है लोग सब कुछ नया

जो आज तक किसीने ना हो पाया

भले ही "ना" कर दे उसका खुदका सीना

फिर भी लेता जायेगा वो अंगड़ाइयां


दौड़ता जायेगा वो उस अंधी दौड़ में

कभी शाम की छांव में

तो कभी दोपहर की धूप में

कभी उजालों के उजालों में

तो कभी रात की तन्हाइयों में

पर फिर भी लौटनेवाला वो खाली हाथ ही है

क्यूंकि जेब उसने अपनी खाली करवा रखी है


चलता रहेगा वो उसी दौड़ में

या किसी और की मैराथन में

जहां लोग उसको चलवा रहे होंगे

अपने स्वार्थ की खातिर नचवा रहे होंगे

फिर भले ही किसी जगह हर साल

लगते लूटेरों के मेले होंगे


अगर जान भी लिया हमने सब कुछ

पर नहीं किया तुमने खुद कुछ

और बैठे रहे किसी और के भरोसे

तो जवाब क्या दोगे बरखुदार

जब आयेगा मौत का पैगाम

जब आयेगा मौत का पैगाम


अपने ख्वाबों से अब

कर ली मैंने यारी है

किसी और से नहीं अब

खुदसे मिलने की तैयारी है

Jepin Tank 14 August 2024
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