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किरदार

14 August 2024 by
Jepin Tank

बहोत सारे किरदार होंगे मेरे

तुम कौन सा देखना चाहते हो

कुछ किरदारों को मौन से छुपा लेता हूं

तो कुछ को शब्दों में उतार लेता हूं

तुम कौन सा पढ़ना चाहते हो


अगर तुम मुझ में जांकोगे

तो हीर रांझा सा नजर आऊंगा

अगर तुम मुझ में ताकोगे

तो लैला मजनू सा निखार लाऊंगा


हीर को रांझा से मिलाकर

मजनू को लैला की गोद में सुलाकर

में तो एक ही पल में ओजल हो जाऊंगा

तुम कब तक मेरे पीछे भागोगे


अगर तुम गौर से देखोगे

तो वो पहली किरण सा बन

सूरज के साथ घूमता नजर आऊंगा

अगर तुम इधर उधर ढूंढोगे

तो ठंडी सुबह की हरियाली बन

तुम्हारे कानों से होकर गुजर जाऊंगा

तुम किस रूप में मुझे देखना चाहोगे


मैं बहती नदी सा बन जाता हूं

मैं किसी सुरीली धून का पीछा कर

अंजाने रास्तों पर चल देता हूं

तो कभी कभार, अकेले ही फिसल जाता हूं


और अंत में...

एक समंदर सा बन ठहराव ला देता हूं

खुदसे खुदको ही अलग बना लेता हूं

तुम किस रूप में मुझे समझना चाहोगे


मैं कभी भी मरता नहीं हूं

मैं कभी भी जलता नहीं हूं

किसी के विचारों में

में आज भी जिंदा हूं

किसी की ख्वाहीशों में

में आज भी एक परिंदा हूं


अगर तुम कोशिश भी करो

अगर तुम अपना पुरा जोर भी लगा दो

तब भी मुझे कैद ना कर पाओगे


मैं आसानी से...

समझ में आनेवालों में से नहीं हूं

मैं आसानी से...

लोगो के साथ गुलने मिलनेवालों में से भी नहीं हूं


आखिर कार...

तुम कब तक मेरे पीछे यूं ही भागते रहोगे

Jepin Tank 14 August 2024
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