कल से तुम मेरी जिंदगी में नहीं होगी
पता नहीं अब
तुम बिन मेरी जिंदगी कैसी होगी
जो संजोए थे सपने मैंने
जो देखे थे कभी ख्वाब मैंने
उसे बीन पूरा किए ही
कल तुम चली जाओगी
ख्वाबों को हकीकत बनाना चाहता था
तुम संग पूरा जीवन बिताना चाहता था
पर क्या करूं...?
ये साली किस्मत दगा दे गई
बिन मांगे ये गम सदा दे गई
तुम्हें अपना बनाने का सोचा था
तुम्हारे बचपने के साथ जीने का सोचा था
हमारे छोटे-छोटे बच्चों के साथ खेलने का सोचा था
बुढ़ापे में एक दूजे का सहारा बनने का सोचा था
पर क्या करूं...?
मैंने कोशिशे बहुत की तुम्हें याद दिलाने की
तुम्हें भी मुझसे प्यार है ये एहसास कराने की
लेकिन शायद खुदा ने कुछ और ही सोचा है
तुम नहीं तो तुम्हारी यादों के सहारे ही सही
लेकिन दिल में जिंदा रखने का सोचा है
खैर...
ये दुआ रहेगी मेरी
तूं जहां भी रहे, पहला सलाम रहेगी मेरी
चाहे कोई भी दूजा आ जाए
मेरी धड़कनों में पहला प्यार रहेगी मेरी
चाहे कभी भी आ जाए मेरी याद
तो बेझिझक एक फोन घूमा देना
चाहे जहां भी होऊंगा में
तुम्हारे पास खींचा चला आऊंगा
मेरी मैना....