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मेरी कशिश

14 August 2024 by
Jepin Tank

सच में तुम भी ना

बहुत ज्यादा अजीब हो


जब मैं तुम्हारे पास आता हूं

पास आकर तुम्हारे बालों को सहलाता हूं

तुम्हारे साथ कुछ मीठे पल बिताना लगता हूं

दिन भर तुमसे बात कर किया करता हूं

मेरी छोटी बड़ी सभी बातों का गवाह तुम्हें बना लिया करता हूं

नींदों में भी आकर तुम्हें छेड़ जाया करता हूं

दिलों में घुसकर वार कर लिया करता हूं


तब तो तुम मुझसे दूर भागती रहती हो

अपना सुरूर दिखाती फिरती हो

अपना घमंड दिखाती रहती हो

पता नहीं तुम कौन सी बड़ी तोप हो जैसे

ऐसा जताती फिरती हो


और जब मैं तुमसे दूर जा रहा हूं

तुम्हारी जिंदगी से हमेशा के लिए भाग रहा हूं

मैं सताना बंद करनेवाला हूं

तुम्हें हमेशा के लिए अलविदा बोलने वाला हूं


तब तुम खुश होने की जगह दुखी रहती हो

सिर्फ मेरे ख्यालातों में डूबी रहती हो

मुझसे मिलने के बहाने ढूंढती फिरती हो

मेरे लिए दिलों के जरिए खत भेजती रहती हो


मैं बात ना करूं

तो तुम सामने से बात कर लिया करती हो

अगर मैं रूठ जाता हूं

तो तुम ही सामने से आकर मना लिया करती हो


आंखों से भी ऐसा जताती हो

जैसे हम दोनों सिर्फ एक दूजे के लिए बने हो

और मेरे पास आने का जिक्र करती रहती हो

मुझे कस के गले लगाने का मौका ढूंढती रहती हो


फिर भी हम दोनों के दरमियां ऐसा कुछ नहीं

ना प्रेम है, ना कुछ और है

ऐसा तुम बोलती फिरती हो

और खुद से भी झूठ बोलती चलती हो


सच में मेरी जान

तुम बहुत ही ज्यादा अजीब हो


पर फिर भी अब तो तुम ही मेरी कशिश हो

अब तो तुम ही मेरी तपिश हो

इस धड़कते दिल की आखिरी ख्वाहिश हो

इस बरसात की आखरी गुजारिश हो

Jepin Tank 14 August 2024
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