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एक समय आएगा जब

ख्वाबों के पन्ने, हकीकतों की चादर ओढ़े

तुम्हें निहार रहे होंगे


एक वक्त आएगा जब

पुराने पन्ने भर जाने के बाद

एक नई दास्तान शुरू हो रही होगी

एक नया इतिहास लिखे जाने की

वो अनजानी दास्तान शुरू हो रही होगी

हवाएं अपना रुख बदल चुकी होगी


एक समय पनपेगा जब

पुराने जख्म भर जाने के बाद

कुछ नायाब तुम्हें मिलने की फिराक में होगा

तुममें समाने की काबिलियत में होगा

तुममें डूबकर तैर जाने की हैसियत में होगा


एक वक्त पनपेगा जब

तुम्हारे पास वो सब कुछ होगा

जिसकी कभी तुम कामना कर रहे थे

चाहे कितनी ही मुसीबतों का

कितनी ही अड़चनों का तुम सामना कर रहे थे


एक समय लिखा जाएगा जब

अपने कर्मों से जवाब दिया जाएगा

न अपनेपन का स्वांग रचा जाएगा

तुम्हें कोसने वाले, तुम्हे शक की निगाहों से देखने वाले


तुम्हें नसीहत दे रहे होंगे

तुम्हें दुआएं दे रहे होंगे

तुम मन ही मन मुस्कुरा रहे होंगे

अपनी ही नादानियों का इस्तीफा दे रहे होंगे


जब तुम किसी मंच पर जाओगे

जब अपनी जिंदगानी बतलाओगे

तुम्हारे फर्श से अर्श तक के सफर तय करने की

अपनी कहानी बतलाओगे


तब एक शख्स होगा

जो शायद किसी को भी नहीं दिखेगा

लेकिन उस भीड़ में वो निगाह है

वो अदाएं तुम्हीं को देख रही होगी

और मन ही मन मुस्कुरा रही होगी


तुम पर, तुम्हारी जिद पर अभिमान कर रही होगी

तुम्हारी काबिलियत पर नाज फरमा रही होगी


फॉलोवर से लीडर तक के

तुम्हारे सफर पर फक्र कर रही होगी

भीड़ से हटकर चलने के

तुम्हारे निर्णयों पर गुरूर कर रही होगी


तुम्हारी कामयाबी के जश्न पर

तुम्हें मिल रही तारीफियों पर

तुम्हें मिल रही बधाइयों पर

तुम्हें खुद भी गर्व हो रहा होगा


जिस दिन को तुम ख्वाबो ख्यालतो में

सोचा करते होंगे देखा करते होंगे

वो दिन, वो मंजर, वो सवेरा

अब आ चुका होगा

तुम्हारी आँखों के सामने सज चुका होगा


हमें तो पहले ही पता था

ये कुछ बड़ा करेगा

इसके सपने बड़े हैं

ये नन्हीं सी चादर में

खुश होकर बैठने वालों में से नहीं था


ये थककर रुक जाने वालों में से नहीं था

ये रुई खुद ही उगाकर

खुद ही चद्दर परोनेवालो में से था

ये मुँह की खाकर बैठने वालों में से नहीं था


यही सब उसे कामयाबी की डगर पर ले गए

अरे भाई किस्मत हो तो इसके जैसी हो

मस्त बंदा है यार


मुझे भी इसके जैसा बनना है

मुझे भी इसके जैसी जिंदगी जीनी है

मुझे भी की तरह कुछ बड़ा करना है

मुझे भी इसकी तरह कुछ बड़ा हासिल करना है


ऐसी सब बातें दीवारों में गूंज रही होगी

यही सब बातें दीवारें भी तुम्हें बतला रही होगी


तब तुम से ज्यादा खुश शायद कोई न होगा

तुम जो डिज़र्व करते हो वो तुम्हें मिल चूका होगा

जो सपना था वो अब हकीकत बन चुका होगा


तब तुम शायद भीड़ से दूर

लोगों के ख्वाबों में मशहूर

एक बंद कमरे में जाओगे

अपने दरवाजे खिड़की बंद करोगे


और बस ज़ोर ज़ोर से रोने लगोगे

बिन वजह ही शोर मचाने लगोगे

अपने पिछली जिंदगी को याद कर रहे होंगे

कुछ नहीं से सब कुछ तक के

तुम्हारे फांसलो को सलाम कर रहे होंगे


इन आंसुओं को शब्दों में बयां करना

या तुम क्यों कर रहे हो, तुमने क्या पाया है

तुमसे क्या बिछड़ा है, तुम से क्या जुड़ा है


इन सब बातों को अल्फाज दे पाना

तुम्हारे लिए असंभव सा बन जाएगा


भले ही तुम लेखक हो भले ही तुम कभी हो

भले ही तुम कितना ही अच्छा लिखते हो

भले ही तुम्हारी कलम अपना पूरा ज़ोर लगा रही हो


लेकिन तुम्हारे शब्द उस एक पल के लिए

थम से जाएंगे, थोड़े रुक से जाएंगे


वो आंसू शायद खुशी के होंगे

गम में बहने वाले से कई बेहतर होंगे

तुम्हे लगेगा ये वक्त, ये दौर

बस यहीं थम जाए, यहीं ठहर जाए


भले ही तुम्हें विश्वास न हो

लेकिन वो एक दिन जरूर आएगा

आंगन में तुम्हारे खुशी के दीप वो जलाकर जाएगा

दुख की अग्नि ज्वाला को बुझाकर जाएगा


हजारों आँखों में नए सपने देखकर जाएगा

खुशियों के समंदर में वो गोते लगाकर जाएगा


तब तुम शायद इस कविता को पढ़ रहे होंगे

या किसी को सुना रहे होंगे

या फिर कोई नन्ही सी आंखें यह सुनकर

अपने अंदर ख्वाबों का समंदर बन कर

महत्वकांक्षी बन रही होगी

और मन ही मन तुम मुस्कुरा रहे होंगे


या शायद किसी को इस कविता के जरिए

प्रेरित कर रहे होंगे

दूसरे तुम की तलाश कर रहे होंगे


या फिर कहीं…

खुद में ही डूब चूके होंगे

खुद में ही डूब चूके होंगे

खुद में ही डूब चूके होंगे


Jepin Tank 14 August 2024
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