आज वो फिर चली आई
अपनी किस्मत आज़माने
कुछ पुराने जख्म कुरेदने
तो कुछ नए आज़माने
दबी सी आवाज में वो बोली
मैं आ जाऊं क्या?
मैं था उस समय
थोड़ा सहमा हुआ सा
और था थोड़ा डरा हुआ सा
क्योंकि अगर मौत तुम्हें डरा रही हो
तो डरना तुम्हारा लाजमी है ना
पर
उस बंद अंधेरे कमरे से
मैं बाहर आ चुका था
जिससे कभी मेरा
पुराना वास्ता हुआ करता था
आत्मविश्वास और जोश से
भरा हुआ मैं बंदा था
चाहे जो भी हो
लेकिन फिर से
उन अंधेरों में
उन गलियों में
उन चौबारों में
वापस नहीं जाना
वो मैंने ठान रखा था
पर वो भी शायद
ये सोचकर चली आई थी
कि उसके पास तो थी पूरी फौज
और हूँ मैं बंदा अकेला
तो बिना उसे बतलाए
कैसे करूँगा मैं अपनी मौज
पहले तो मैंने किया उसे
थोड़ा सा अनदेखा
भले ही था वो मंजर
थोड़ा सा देखा देखादेखा
फिर वो करने लगी मेरा पीछा
पता नहीं अब कैसे जाऊंगा मैं घर अकेला
फिर आया मुझे थोड़ा गुस्सा
मैं मुड़ा पीछे
डाली उसकी आँखों में आंख
और बोला
बोल तुझे जो भी बोलना है
क्योंकि आज मेरे पास है
हर एक सवालात का जवाब
अब मैं वो डरपोक चूजा नहीं रहा
जिससे पिछली बार तुम वाकिफ हुई थी
ना ही मैं अब वो इंसान रहा
जिसे अक्सर तुम डराया करती थी
वो थोड़ी मुस्कुराई और बोली
बेटा, पिछली बार भी बोला था मैंने
की वो बस महज एक ट्रेलर था
पूरी पिक्चर दिखाना तो अभी बाकी था
भले ही तुम उस बंद कमरे से बाहर आ गए हो
पर ये जिंदगी है जनाब
मूवी तो दो तीन घंटों में खत्म हो जाती है
पर जो अब तुम्हारे साथ घटित होने वाला है
भो तुम्हें जिंदगी भर को याद रहने वाला है
यादों में याद बनकर तुम्हें हरदम सताने वाला है
तुम्हारा अभी तक नहीं जुड़ा ना प्यार से नाता
अब देख कैसे कराती हूँ मैं तुम्हारा उससे वास्ता
पता है मुझे
तुम बाहर से भले ही न दिखाते हों
पर अंदर से
तुम पूरी तरह से लाचार हो चूके हो
याद करो वो मंजर
वो सांसो का समंदर
वो खूनी सा मंजर
वो कुदरत का कहर
जब तुमने अपने दो करीबी को खो दिया था
और तुम्हे तीसरी बार लगा था
कि अब मैं फिर से हो गया हूँ अकेला
तुम अब तक अपने सात लोगों को खो चूके हो ना?
फिर भी इतना गुरुर
याद है तुम्हें पिछली बार
जब तुम खुद मरना चाहते थे
लेकिन मौत तुम्हें ले जाने को तैयार नहीं थी
इस बार का प्लान पूरी तरह से पलट चुका है
उस समय बाजी तुम्हारे हाथ में थी
सिर्फ बार पूरी बाजी मेरे हाथ में है
इस बार होने वाला है कुछ ऐसा
की तुम्हे मौत के पास जाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी
लोग खुद तुम्हें मौत के घाट उतार देंगे
तुम्हारे खिलाफ़ ऐसे षड्यंत्र रचे जाएंगे
ऐसे प्रपंच रचे जाएंगे
मानो तुम एक अपराधी हो
भले ही तुम निर्दोष हो
फिर भी तुम्हें फंसाया जाएगा
बिन बात ही तुम्हें उस में घसीटा जाएगा
तुम्हें चरित्रहीन साबित करने की
कोशिशे की जाएगी
तुम्हें जान से मारने की धमकिया मिलने लगेंगी
तुम्हें सच बोलने की बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी
लोग तुमसे तुम्हारे जीने का हक तक छीन लेंगे
और तुम बस बेबस ही फिरते रहोगे
सिवा बेबसी का
वो मंजर देखने के अलावा
तुम्हारे पास रह नहीं जाएगा कुछ भी बच
जब तुम्हारी हिम्मत भी हो जाएगी थोड़ी सी बूझ
क्योंकि तुम्हें तुम्हारी अच्छाई की किंमत चुकानी ही पड़ेगी
क्योंकि यहाँ अच्छों के साथ बुरा ही होता है
ये दुनिया ऐसे ही काम करती है
या फिर अच्छाई को खत्म करती है
समझे?
मैंने शांति से उसकी हर एक बात को सुना
एक गहरी सांस ली
और बोला
कहना तो बहुत कुछ चाहता हूँ तुम्हे
पर तुम न पहेलियों में यू बताया करो
तुम न यू मुझे सताया करो
खैर
अभी तुमने पहलीओं में बातें कर ही दी है
तो अब तुम्हें भी पहेलियों में ही उलझाना पड़ेगा
जिसे तुम्हे खुद ही सुलझाना पड़ेगा
याद है
पिछली बार मैंने तुम्हें छोटे से बच्चे की कहानी सुनाई थी
जो थी थोड़ी सुनी सुनी
तो थोड़ी अंजानी
अब आगे सुन मेरी जान
अब वो बच्चा बड़ा हो चुका है
जो अपने ख्वाबों के साथ अकेला रहता है
अपनी फटी पुरानी यादों को
उसने दिल में संजोए रखा है
पूरे घर की जिम्मेदारियों का बोझ
उसने अपने सर पर ले रखा है
उसने अपने दिल के दरवाजों में
नहीं देने दी होती है किसी को भी दस्तक
लेकिन आखिर कब तक?
एक समय आता है
जब उसके दिल की खिड़कियों में भी
एक अंजानी लड़की दे ही देती है दस्तक
जब वो उस लड़की से हो उठता है रूबरू
तब वह खुद को उसमें देखता है हूबहू
जब बढ़ती है उन दोनों में नजदीकियां
तब उनमें हो उठती हैं मनमर्जियां
थोड़ी सी नादानियां
तो थोड़ी सी शैतानियां
पर ये क्या?
वो लड़की तो थी शादी शुदा
किंतु अपने में ही थी वो गुमशुदा
पर वो लड़की भी अपने किस्मत की मारी थी
क्योंकि वो अपने ससुराल की नहीं
अपितु अपने मायके की दीवानी थी
कहना तो था उसका
वो करती तो थी मोहब्बत किसी और से
पर फिर उसने क्यों लगाया दिल सिर्फ उसीसे
उस लड़के को वो बेहद पसंद थी
भले ही थी वो थोड़ी अनदेखी अंजानी सी
पर फिर भी वो उसे बनाना चाहता था अपनी अर्धांगिनी
तो थोड़ी बहुत हिम्मत जुटाकर
कर डाला उसने अपने प्यार का इजहार
लेकिन ठुकरा कर चली गई वो उसका प्यार
उसने तो सिर्फ उसका प्यार ही ठुकराया था
लेकिन वो फिर भी
उस लड़के के साथ जीवनभर रहना चाहती थी
उसे एक दोस्त बनाकर
अपने सारे ख्वाब पूरा करना चाहती थी
यही सब उसका कहना था
और आंसू ही अब उसका गहना था
गई थी वो उससे बोल
की मैं आउंगी सब कुछ छोड़
और ना करूँगी कभी शादी दोबारा
ये सुनकर फिर वो क्या करता बेचारा
उसने कोशिशे बहुत की
ये याद दिलाने की
उसे भी उस लड़के से प्यार है
इस बात का एहसास कराने की
यूँ ही नहीं आता कोई पास इतना
ना ही बिन वजह लगाता है कोई दिल इतना
पर प्यार में ठोकर लगने के बाद
वो लड़का वहाँ से आगे बढ़ जाता है
कुछ समय तक उसकी यादें भी सताती है
पर आगे बढ़ते रहना ही प्रकृति का नियम है
इसी बात की उसकी तैयारी है
पर शायद प्रकृति को था कुछ और ही मंजूर
इसीलिए उस लड़के का खत उसने कर दिया नामंजूर
आता है एक दिन उस लड़की का फ़ोन
लगाने लगती है वो सभी इल्ज़ामात
जो उसने कभी किये ही नहीं होते
और फिर उस लड़के के अपने घर वाले ही
उसको शक की निगाहों से देखने लगते हैं
पर वो लड़का भी क्या करता?
ये समाज तो सिर्फ लड़कियों के आंसुओं को ही देखता है ना?
फिर वो लड़की और लड़की के घरवालों से
उसे लगातार मिलने लगती है धमकियाँ
कर ले सभी जुर्म कबूल
वरना हो जाएगी तबाहियां
जान से मारने की
पूरी सोसायटी में जुलूस निकालने की
उसके चरित्र पर कीचड़ उछालने की
कहीं पर भी उसे काम न मिले
ऐसा कुछ करने की
पुलिस में उसके खिलाफ़ झूठी फरियाद दर्ज कराने की
उसके प्रोफ़ेशन पर दाग लगाने की
लड़कियों पर उसकी गलत निगाहें हैं ऐसी अफवाह उड़ाने की
और भी बहुत कुछ करने की
उसे मिलने लगती है चिमकियां
पर वो लड़का था थोड़ा समझदार
तो उसने नहीं किया ज्यादा इंतजार
और कर डाला कुछ ऐसा
मानो हो कोई साप सपेरा
उसने सीधा उठाया अपना सबसे बड़ा हथियार
और चला गया भीड़ने सबसे अकेला
फिर क्या था
उसके पास आत्मविश्वास का पोटला था
उसने मारी जोर से
अपने सबसे बड़े डर के आगे दहाड़
और हो गया सभी काम तमाम
अब सुन नियति
लगा लो चाहे तुम जितना भी जोर
नहीं पड़ने दूंगा मैं खुदको कभी कमजोर
मैं तुमसे कोई भी बहस नहीं करना चाहता हूँ
मैं अब खुद में ही मस्त रहना चाहता हूँ
लोगों से बहस करना में छोड़ चुका हूँ
उन अंधियारों से मैं बहुत बार गुजर चुका हूँ
एक नहीं, दस नहीं, सो नहीं
हजारों ठोकरें मैं खा चुका हूँ
तुम एक कदम पीछे धकेलोगी
दस कदम आगे जाने की अब मेरी तैयारी है
किसी और से नहीं बल्कि
अपने ख्वाबो से ही अब कर ली मैंने यारी है
अब मेरे लिए मेरा काम ही मेरा देवता है किसी काम के बल बूते पर कुछ चीजों को
फिर से जीवंत करना है
कुछ को तो पूरा कर लिया है
कुछ को अब पूरा करना है
विश्वास न हो अगर, तो आजमाकर देख लो
और दफा हो जाओ मेरी नजरों से
… मेरी गोलू मोलू सी जान …