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नियती

11 August 2024 by
Jepin Tank

आज उसने फिर मेरा दरवाजा खटखटाया,

मैने पूछा - कौन ?

उसने रुआब दिखाते हुए बोला - में ...

मैंने सहजता से पूछा - मैं मतलब कौन?


मैं वो हूं जिसने तुमसे तुम्हारा सब कुछ छीन लिया,

मैं बोला - अच्छा तो तुम हो !


तुमने मुझसे मेरा सब कुछ छीन ही लिया है ..

तो अब क्या चाहती हो ?


हा पता है उस दिन मुजे तुमसे नहीं मिलना चाहिये था ...

लेकिन शायद यही विधी का विधान था


की वो मुजे तुम्हारी असलियत से रुबरू कराये,

और तुमने जो नकाब पहन रखा है उसे बेनकाब कर दे,


हा पता है अंधेरे से तुम्हारा पुराना वास्ता है

और उजाले से लगता तुम्हे बहुत डर है,


उसने फिर बोला ...


हा बेटा मैं वही हूं जिसने तुम्हारा तुमसे सब कुछ छीन लिया,

सब कुछ मतलब सब कुछ

नींद ... चैन ... सुख ... सब कुछ


और सुन बेटा अब तक तो मैंने तुमसे जो छीना है वो तो महज़ एक ट्रेलर था,

पूरी पिक्चर दिखाना तो अभी बाकी है,


मैं तो अब लोगो को तुमसे मिलने भी नहीं दूंगी,

और ना ही लोगो को तुम्हे समजने का मौका दूंगी,


तुम हर एक पल हर एक क्षण यूं ही घूंट घूंट कर एक बंध अंधेरे कमरे में जीओगे,

जहां पर कोई भी तुमसे बात करनेवाला नहीं होगा,

और ना ही कोई तुम्हे चाहनेवाला होगा,

यहां तक कि तुम्हारे अपने घरवाले भी तुम्हारा रोज तानों से स्वागत करेंगे,


तलवार तो सिर्फ एक बार मार सकती है ...


लेकिन जो तुम्हारे साथ होनेवाला है ...

वो तो उससे भी भयानक होगा,


अगर मौत के बाद भी कुछ होता है तो उससे भी भयानक मंजर तुम अपनी आंखों के सामने होता हुआ देखोगे,

जिस डिप्रेशन और एंजायटी से तुम गुजर रहे हो

में उसे आत्महत्या तक पहुंचाकर ही दम लूंगी,

और चिंता मत करो ... अगर आत्माहत्या से तुम बच भी गए तो ये मेरे अंग रक्षक है ना !

वो तुम्हारी पुरी सहायता करेंगे आखरी मंजिल तक पहुंचने में,

और अगर फ़िर भी तुम ना जाओ 

तो अगर नर्क से भी बदतर जगह कोई होती है तो वैसी जिंदगी उसके बाद तुम्हे मिलेगी


अब तय तुम्हें करना है कि क्या तुम्हें यहां पर रहना है कि जहां पर सब लोग अपनेपन का दिखावा करते है

या फिर वहां जहां कोई भी तुम्हारे साथ नहीं होगा

यहां तक कि तुम खुद भी ...


मैंने जोर से चिल्लाते हुए बोला

बस करो ... बस करो ... बस करो ...


बहुत हो गई तुम्हारी बकवास

हा पता है मुझे नहीं कोई संग मेरे,

फिर भी मैं जीना चाहूंगा,

क्या होता है तकलीफों से लड़ना मैं तुम्हें बताना चाहूंगा,


जिसके लिए मैं तुम्हें सुनाना चाहूंगा एक छोटे से बच्चे की कहानी,

जो है थोड़ी खट्टी-मिट्ठी, थोड़ी अनजानी,


जब था वो महज दस दिन का,

तो उसे आयी एक समस्या थी,

पर उसके अंगरक्षक बनकर सामने आए उसके घरवाले थे,


जिस बच्चे को बचाना था असंभव

उसको भी उनकी श्रद्धा ने ही बचाया था,

था उनको भगवान पर अटूट विश्वास

की अच्छे के साथ कभी बुरा होने नहीं दे सकता वो,

पर उसको क्या पता था कि उसको तो अपनी तकदीर खुद ही बनानी थी,


जिनको लोग शान से पुकारते माता और पिता थे,

वो बोलना भी उस छोटे से बच्चे के नसीब में ना था,

बस महज पांच साल की उम्र में वो बोल देते है

तुम्हारा और हमारा साथ बस यही तक था,


और फिर विद्यालय की परीक्षा के बीच उस बच्चे के जीवन में आई एक और परीक्षा थी,

लेकिन उस बच्चे को संभालने वाले बहुत से लोग थे,

और शायद यही सोचकर उसके मां बाप ने इस दुनिया को बोला अलविदा था,

पर उन्हें कहां पता था कि उस बच्चे के सामने पड़ा पूरा मुसीबतों का टोकरा था,

पर उन सभी मुसीबतों का चीर हरण करने के लिए उसके पास आत्म विश्वास का पोटला था,


हो सकता है आज तुम मेरा मुझसे सब कुछ छीन लोगी,

मेरा सुख, चैन, नींद, प्यास,


हो सकता है तुम मुझे दर दर की ठोकरें खाने पर मजबूर कर दोगी,

हो सकता है कई दिनों तक मुझे छत भी नसीब ना हो,


लेकिन एक चीज तुम मुझसे कभी नहीं छीन सकती,

और वो है मेरा मनोबल, मेरा आत्म विश्वास,

जिसके दम पर मैं अपना पुराना वजूद वापस लाऊंगा,

जो देखे थे कभी ख्वाब मैने, उनको हकीकत बनाऊंगा,


भले ही ना हो कोई संग मेरे

लेकिन कभी तो कोई एक इंसान आयेगा जो मेरी जिंदगी का रुख ही बदलकर रख देगा,


भले ही आज सब मुझसे दूर भागते हो , मुज पर भरोसा ना करते हो,

लेकिन कभी तो ऐसा होगा कि वो मेरे पिछे पिछे मेरा ऑटोग्राफ लेने के लिए भागेंगे,

जो लोग आज मेरे तीन साल बर्बाद होने पर मुझ पर मेरे माता पिता की परवरिश पर कीचड़ उछालते है

कभी तो ऐसा होगा कि वो सामने से बोलेंगे ... हमें तो पहले से पता था कि ये कुछ बड़ा करेगा,


तुम अगर मेरी रुह, मेरा कतरा कतरा भी मुझसे दूर कर दोगी,

तो फिर भी एक ऐसी चीज है जो जीवन पर्यंत मेरे साथ रहेगी,

और अगर तुम अपना पूरा जोर भी लगा दो फिर भी तुम उसे मुझसे दूर नहीं कर पाओगी,

और वो क्या है उसका जवाब में तुम पर छोड़ता हूं,


इस लिए व्यर्थ ही प्रयत्न करना छोड़ दो,

और तुम भी सो जाओ और मुझे भी सोने दो,

क्योंकि अभी तो मुझे बहुत से काम करने बाकी है,

कुछ जाने पहचाने से है तो कुछ अनजाने से है,


... इसलिए अलविदा मेरी जान ...

Jepin Tank 11 August 2024
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