Skip to Content

पुराना पन्ना

14 August 2024 by
Jepin Tank

चलो आज कुछ नया लिखते है

कुछ नए सिरे से लिखते है

थोड़ा धीरे से लिखते है


बातें तो वही पुरानी हो

लेकिन चाहतें वो नयी हो

ऐसा कुछ बनकर लिखते है


जो तुम्हारे लिए अंजाना सा हो

लेकिन तुम उससे अंजान ना हो

जो तुम्हारे लिए अनदेखा सा हो

लेकिन तुम उसे नजर अंदाज ना कर पाओ


ऐसा कुछ पुराने पन्नो पर

पुरानी यादों को नई यादों से जोड़कर

पुराने किरणों को आज के रवि से मिलाकर


थोड़ा बहुत उसे आजमाकर

तो थोड़ा बहुत जांच परखकर

उसी जगह नए अंदाज से लिखते है


जो जिंदगी की रीत सिखलाये

जो कुछ नई बात बतलाये

जो यादों में याद बन जाए

जो तुम्हारे अंदर सिमट जाए


ऐसा कुछ ताम्रपत्तों पर लिखते है

ऐसा कुछ ताम्रपत्तों पर लिखते है


भले ही पन्ने वो पतझड़ के हो

लेकिन मौसम वो पतझड़ से परे हो

बचपन के वो खेल भले ही पुराने हो

लेकिन ज़िंदगी के इस खेल में बिलकुल नए हो


भले ही वो खेल तुमने खेल रखे हो

लेकिन इन खेलों में तुम्हारे लिए जितना

या किसी को भी हरा पाना

नामुमकिन सा लग रहा हो

ऐसा कुछ बनकर लिखते है


चाहे हम कुछ भी बने...या किसी को भी बनाए


चाहे तो तलाब की सबसे बड़ी मछली भी हम हो

और तालाब की सबसे छोटी मछली भी हम खुद ही हो


कोई बड़ा सा हवाई जहाज भी हम हो

और उसका छोटा सा पहिया भी हम खुद ही हो


विधी का विधाता भी हम हो

और विधी का घटनेवाला विधान भी हम ही हो


चाहे तो समय भी हम बन जाए

या बिन समय हमारा वजूद ना मिट पाए

या अगर वजूद मिट भी जाए

तो बिन समय सवेरा वो नया लाए


जहां पर भ्रम भी हम हो

और वास्तविकता भी हम खुद ही हो

जहां पर आंख भी हम हो

और नम आंखों से बहनेवाले

अश्रु की धारा भी हम खुद ही हो


क्योंकि वहां सिवा हमारे शायद कोई ना हो

बिन हमारे वहां हमारा वजूद ना हो

हो, तो बस मुलाकाते हो

जिससे तुम कब से अनजान हो


हम चाहे ना चाहे

बिन खुद के सिवा

किसी और से

मिल ना पाए


या अगर गलती से

मिल भी बैठे

तो वहां से लौटकर

कभी वापिस ना आ पाए


ऐसा कुछ बनकर लिखते है

ऐसा कुछ बनकर लिखते है


चलो आज कुछ नया लिखते है

कुछ नए सिरे से लिखते है

थोड़ा धीरे से लिखते है


बातें तो वही पुरानी हो

लेकिन चाहतें वो नयी हो

ऐसा कुछ बनकर लिखते है


Jepin Tank 14 August 2024
Tags
Archive