अगर आये हो इस दरियां में
जिसे लोग बोलते जीवन है
तो निभा चलो कुछ किरदार यहां पे
जिस पर करते लोग फक्र है
कभी रेत बनकर बिखर जाओ
तो कभी रेतों का समंदर बन टहल जाओ
तो कभी सांस बनकर संवर जाओ
कभी चिड़ियों की आवाज में बस जाओ
तो कभी बिन आवाज बने डोल जाओ
कभी बांसुरी की सुरीली धून बन जाओ
तो कभी दूजी धून बन होठों पर बस जाओ
कभी किसी राजा का मुकुट बन जाओ
तो कभी किसी रानी की पायल बन जाओ
कभी किसी राजकुमारी का राजकुमार बन जाओ
तो कभी किसी राजकुमार की तलवार बन जाओ
चाहो तो लाखों मील अकेले चल दो
या किसी को अपने संग कर लो
या किसी को अपने रंग, रंग दो
ये वो आग का दरिया है
पानी ही एकमात्र झरिया है
चाहो तो संभल जाओ
चाहो तो ठहर जाओ
पर...
अगर चाहिए हो तुम्हें वो गहना
जो आज तक किसीने ना हो पहना
तो निभाना पड़ेगा कुछ ऐसा
करना पड़ेगा कुछ ऐसा यहां
जो किसीने ना हो पहचाना
समझी मेरी प्यारी 'बहेना'
हो सकता है वो हो महज एक आईना
जो दिखा जाए तुम्हें सिर्फ नजराना
पर उन नजरों से भी तुम
वाकिफ हो चलो
पर ध्यान रखना अपना तुम
ना कहीं काफिर बन चलो
बन चलो कुछ ऐसा
जो तुम्हें तुम तक ले चले
भले ही चलो तुम अकेले
कोई ना हो संग तेरे
लेकिन...
अकेलों में भी तुम अकेले ना हो
जहां ना कोई राजा काना हो
हो तो सिर्फ सफर सुहाना हो
भले ही रास्ता वो पुराना हो
उन रास्तों पर भी तुम चल दो
उन सड़कों पर भी तुम बह लो
पर जो भी हो...
जीवन के इस सफर में
जीवन की इन ख्वाहिशों में
जीवन की इन सुलझनों में
जीवन की इन उलझनों में
तुम हीरा बनकर चमक लो