आज का दिन कुछ खास है
क्योंकि इन हवाओं में
बित रहे हर एक पलों में
गुजरती हर एक जुल्फों में
प्यार का मीठा एहसास है
क्योंकि, आज का दिन बहुत खास है
तुम बस यूं ही बैठी रहो
मैं तुम्हारी जुल्फें संवारा करूं
शब्दों अल्फाजों को मारो गोली
मैं इशारों से तुम्हें सजाया करूं
क्योंकि, आज का दिन बहुत ही ज्यादा खास है
तुम जैसे इस दिल से गुजरी हो
तब से मीठे सुंदर लम्हों की
बिताए हुए या बितनेवाले
खूबसूरत से लम्हों की बरसात है
क्योंकि, आज का दिन बहुत ही ज्यादा खास है
हम दोनों आज बस यूं बैठे रहे
अखियों से गोलियां चलाते रहे
प्यार के गीत गुनगुनाते रहे
नजरों से नजरे मिलाते रहे
और उन्हीं नजरों में कहीं डूबते रहे
क्योंकि, आज का दिन बहुत ही ज्यादा खास है
जैसे इन हवाओं से
तुम्हारी इन अदाओं से
सुबह की इन भोली सी ऋतुओं से
टकराकर हमें छेड़ जाती हो
क्योंकि, आज का दिन बहुत ही ज्यादा खास है
आज तो तितलियों ने भी कुछ शरारत की है
तुम्हारे होठों ने बस मेरी हिफाजत की है
मेरा तनबदन, रोमरोम जूम उठा है
जैसे मेरी खुशियों का कोई ठिकाना ना है
और मुझे तो बसना, बस यहां है
क्योंकि, आज का दिन बहुत ही ज्यादा खास है
जैसे इन खुशबुओं में
इन खुबसूरत सी आंखों में
होठों को संवारती लाली में
मेक अप के बिना वाली प्याली में
डूब जाने की एक आस है
क्योंकि, आज का दिन बहुत ही ज्यादा खास है
अब तो मुझे बस तुमसे
यही एक खास सा एहसास है
क्योंकि, अर्धांगिनी के रूप में
बरसों के बाद की तपस्या के फल से
इस कुदरत से की हुई मन्नतों के बाद में
तूं आज मेरे पास है
और इसीलिए ...
आज का दिन बहुत, बहुत, बहुत ही ज्यादा खास है