थक जाना नहीं, तूं यूं ही हार के
थम जाना नहीं, तूं यूं ही घबरा के
ये रातों के साए है
ख्वाबों के पहरेदार है
आज नहीं तो कभी ना कभी
तूं थोड़ा रुक, थोड़ा ठहर, इन राहों पे
इन कागज की नावों पे
वो साये भी ओजल हो जाने है
वो कांच के सपने भी टूट जाने है
बस तूं राह देख नए सवेरे की
तूं कोशिश कर एक उजले भविष्य की
थक जाना नहीं, तूं यूं ही हार के
थम जाना नहीं, तूं यूं ही घबरा के
ये समंदर की रेत समान है
ये पैरो के पदचिह्न समान है
यहां कुछ भी हमेशा के लिए नहीं है
पानी थोड़ा बढ़ने दे
हिम्मत थोड़ी जोड़ने दे
सपनो को हकीकत बनने दे
रेत से ख्वाब पनपने दे
रेत भी थोड़ी सजने संवरने दे
बस तूं थोड़ी राह देख सब ओजल होने की
ओझल होने के बाद सब कुछ नया लिखने की
या लिखकर मिटकर कुछ बन जाने की
थक जाना नहीं, तूं यूं ही हार के
थम जाना नहीं, तूं यूं ही घबरा के
ये एक उजला सवेरा सा है
लगता मुझे कुछ कुछ चौकीदार सा है
यहां रखवाली तुम्हें ही करनी है
यहां जिंदगानी तुम्हें ही जीनी है
इन बिन रंगो की मूरत में
तुम्हें ही अपनेपन के रंग भरने है
या फिर तुम्हें ही उनके संग परखने है
सुबह की पहली किरण सा बन दिल में समाना है
या शाम की ढलती धूप में, मौसम बन जाना है
बस तूं चलता जा, चलकर भागता जा
भागभागकर कभी कभी ठहरता जा
या फिर कुछ बनाता जा
थक जाना नहीं, तूं यूं ही हार के
थम जाना नहीं, तूं यूं ही घबरा के
ये जीवन है जनाब
जो है मौत से भी नायाब
पर तुम कितने ही दूर चले जाओ
या अंधे बहरे होने का ढोंग रचे जाओ
सत्य तो यही है, सत्य भी सही है
एक दिन किसी शाम की भांति ढल जाओगे
या ढलकर किसीको रोशन बना जाओगे
या किसी कागज में याद किए जाओगे
या किताबों के जरिये, लोगों पर राज किए जाओगे
या फिर, दूसरे दिन ही भुला दिए जाओगे
जो तुमने बोया होगा, वही तुम पाओगे
जो तुमने संजोया होगा, वही तुम बिखराओगे
चाहे कितने ही तुम आत्मा में समा जाओगे
थक जाना नहीं, तूं यूं ही हार के
थम जाना नहीं, तूं यूं ही घबरा के
चाहो तो आखिरी बार किसीको अलविदा बोल दो
या किसीको आखिरी सलाम ठोक दो
कल की चिंता में ना तुम अपना समय झोंक दो
अगर आज तुम्हारा कल से बेहतर होगा
तो कल बेशक बेइंतेहा मजेदार होगा
तुम अपनी खासियत केलिए लोगों में जाने जाओगे
या अपनी अदाओं के जरिए लोगों में जाने जाओगे
और इन्हीं अदाओं, हवाओं के जरिए
तुम सदियों तक लोगो में याद किए जाओगे
या बिन वजह ही लोगो में सुर्खियां बने रहोगे
पानी की लहरों की तरह बस बहे जाना है
और एक दिन, किसी समंदर में जाके मिल।जाना है
थक जाना नहीं, तूं यूं ही हार के
थम जाना नहीं, तूं यूं ही घबरा के