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तुम्हारी हँसी

4 August 2024 by
Jepin Tank

कभी कभी यूँ ही हंस देता हूं मैं

तुम्हारी वो मासूम सी हँसी देखकर

यूं ही मुस्कुरा देता हूं मैं


जब से मैंने तुम्हें पहेली बार देखा है

एक कनैक्शन सा फील होता है

पता नहीं क्यूं पर

अब हर एक पल तुम्हारा सा लगता है


जब से मैं तुम्हें मिला हूं

हो गया हूं मैं फ्लैट

और नींद, चैन, प्यास

सब उड़ गई है मेरी उड़


जब मैं तुमसे पहेली बार मिला था

तभी से ये सोच रहा हूं कि

क्या ये दुनिया इतनी भी खूबसूरत है

या फिर है ये कोई विचित्र माया


यूं ही हंसता देख लोग मुझे कहते पागल है,

पर कैसे मैं उन्हें समझाऊं कि

प्यार तो पागलों के नसीब में ही तो होता है


तुम्हारे साथ बिताए

वो सभी लम्हें मुझे याद आते है

उन लम्हों को याद करकर

यूं ही खुश हो जाता हूं मैं


तुम ही तो मेरी प्रेरणा मूर्ती हो

बिना तुम्हारे मेरा कोई वजूद नहीं


तुम ही तो मेरी प्रियतमा हो

और मैं हूं तुम्हारा प्रियतम


लोग तो सात जनम में ही

एक दूसरे से पीछा छुड़ाना चाहते है

लेकिन मैं तो हर एक पल, हर एक दिन,

हर एक साल, हर एक जनम

तुम्हारे साथ बिताना चाहता हूं


मैं झगड़ना भी चाहता हूं और

चाहता हूं कि तुम रूठ जाओ

और मैं ही तुम्हें मनाना भी चाहता हूं


चाहे कितनी भी अड़चने आ जाए हमारे बीच,

लेकिन ये वादा है मेरा कि

ना मैं तुमसे अलग होऊंगा और

ना मैं तुम्हें खुद से दूर जाने दूंगा


पता है परफेक्ट नहीं हूं में

और ना ही परफेक्ट बनना चाहता हूं

लेकिन अगर तुम बोलोगी तो

मैं परफेक्ट बनने की एक कोशिश तो कर ही लूंगा


पता है बहोत सी खामियां होंगी मुझमें

पर मुझे ये भी पता है कि

मेरी हर एक खामी के साथ तुम मुझे अपनाओगी

और तुम्हारी मदद से ही

मैं खुद को एक बेहतर इंसान बना पाऊंगा


तुमसे मिलकर ही तो मैंने प्यार के सही मायने पहचाने है

पता नहीं तुम बिन अब कैसे कटेंगे ये लम्हें


पता है मुझे मेरे मुकद्दर में नहीं लिखी तुम

फिर भी तुम्हें पाने की चाहत रखता हूं मैं


Jepin Tank 4 August 2024
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