एक हसीन ख्वाब सी तुम आयी
आयी ऐसे जैसे बाहर लायी
प्यार के मौसम का एहसास लायी
बिन बादल ही बरसात लायी
जब तुम साथ होती हो
जब तुम पास होती हो
तब और कोई तमन्ना नहीं रहती मेरी
तुमसे बिछड़ने की इच्छा, अब नहीं होती मेरी
अगर तुम बिछड़ गई तो
शायद में जी नहीं पाऊंगा
अगर जी भी लिया तो शायद
ये जुदाई में बर्दाश्त नहीं कर पाऊंगा
मैं देख नहीं सकता
अपनी आंखों के सामने वो मंजर
जब दिल में नाम हो मेरा
और मंगलसूत्र हो किसी और का
अगर हुआ कुछ ऐसा
तो मैं जीना भूल जाऊंगा
क्योंकि तुमसे एक पल की भी जुदाई
अब मैं सह नहीं पाऊंगा
इसलिए बोल रहा हूं मेरी जान
चाहे कैसी भी हो तुम
थोड़ी सी भोली, तो थोड़ी सी नकचड़ी सी
थोड़ी सी बिगड़ेल तो थोड़ी सी गुस्सैल सी
थोड़ी सी सहमी हुई तो थोड़ी सी शरमाई हुई सी
बस तुम मेरे पास
वापस आ जाओ... वापस आ जाओ... वापस आ जाओ