वक्त लगता है जनाब
वक्त लाने में
आज के ख्वाबों को
कल हकीकत बनाने में
सींचना पड़ता है खुदको
समय के गर्म तवे पे
सीखना पड़ता है
कभी खुद की गलतियों से
तो कभी औरों के तजुर्बे से
वक्त लगता है जनाब
वक्त लाने में
आज के ख्वाबों को
कल हकीकत बनाने में
तपाना पड़ता है खुदको
जलते हुए अंगारों पे
देना पड़ता है
अपने आज का बलिदान
आनेवाले कल के लिए
समय लगता है
वक्त का भी वक्त लाने में
लेकिन हो अगर नियत साफ
और मेहनत में हो वो जज्बात
तो वक्त का भी वक्त आता जरूर है
जिससे हो अभी तुम अनजान
जिसके आने पे होता तुम्हें बड़ा गुमान
वक्त लगता है जनाब
वक्त लाने में
आज के ख्वाबों को
कल हकीकत बनाने में
ख्वाब बनते भी है
ख्वाब टूटते भी है
लेकिन एक ना एक दिन
ख्वाबों का वो दौर आता जरूर है
अपने साथ खुशियां वो लाता जरूर है
वक्त लगता है जनाब
वक्त लाने में
आज के ख्वाबों को
कल हकीकत बनाने में