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यादों की हँसी

14 August 2024 by
Jepin Tank

याद तो मेरी भी बहुत आती होगी तुम्हें

पूरी रात मेरे बारे में सोचकर जग जाती होगी गम में

कहती थी, मोहब्बत करती हो हमसे

बस यही सोचकर डूब जाती होगी हम में


जिंदगी के वो मासूमियत भरे पल

अभी भी तुम्हारी पलकों में बसे हुए हैं

जिंदगी की वो हसीन खिलखिलाती यादें

अभी भी जुल्फों की शोभा बढ़ा रहे हैं

क्या हम दोनों के बीच हुई साजेदारियां

इस कुदरत का कोई भद्दा सा खेल था या कुछ और

बस यही सोचकर खो जाती होगी हम में


मैं तो आज भी इन हवाओं में बसता हूं

तुम्हारी धड़कनों का गीत बन गुनगुनाता हूं

तुम्हारी कलम के शब्द बन उभर आता हूं

फिर भी ना जाने क्यों

ये मोहब्बत हम दोनों की परीक्षा ले रही हैं

बस यही सोचकर, तुम भी चली जाती होगी गम में


किसी खिड़की की तितली बनकर

मैं एक हसीन वादियों में कोई खेल, खेल रहा हूं

या सूरज की रोशनी बन

तुम्हारी दोनों आंखों में बस जाता हूं

पर मैं जो भी कर रहा हूं

अभी तो मैं तुम्हारे मजे ले रहा हूं मेरी जान


फिर भी...

हर एक जनम में

मैं तुम्हें ही पाने की चाहत रखता हूं

बस यही सोचकर अलविदा बोल देती होगी हमें


Jepin Tank 14 August 2024
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