कल हम सब एक दूजे से जुदा होंगे
कौन कहां होगा
इस बात से खफा होंगे
न अब यारों की महेफिलें सजेगी
न ही अब दोस्तों की तकलीफें बटेगी
कल से
इन तरकश में हम नही
हमारी बाते गूंजेगी
कुछ कड़वी यादें
तो कुछ मीठी यादें चमकेंगी
कल से
एक नई जिंदगी होगी, नई उमंगे होंगी
पर किसी मोड़ पर अगर हम मिल गए
तो यारो दोस्तो की यादें वही पुरानी होगी
इन बंध आखों में कईं सारे ख्वाब सजेंगे
कईं सारे दोस्त बनेंगे, कईं सारी मुलाकाते होंगी
पर किसी रोज, अगर हम मिल गए किसी चाय की टपरी पर
या सात समंदर पार किसी बुर्ज खलीफा की चोटी पर
तो हमारी स्कूल की यादें, स्कूल की बाते कुछ अनोखी सी होगी
स्कूल की यादें याद आएंगी
स्कूल की बाते जुबान बन जाएगी
और अगर मिले हम फुरसत से
तो ये समय की सलाखें भी टूट जायेगी
फिर से एक बच्चा बाहर निकलेगा
चाय पे चर्चा में घंटों समय बीतेगा
हजारों नई पुरानी यादों की तस्वीरों से
हमारा भरत मिलाप होगा
कुछ बातों को तुम याद करोगे
कुछ को हम याद करेंगे
और उस दिन ख्यालों के पुलाव को
हम सब मिल बात कर खाएंगे
या फिर...
हम जिमेदारियों के बोझ से जकड़े हुए होंगे
तब वही एक बच्चा अकल का कच्चा
तुम्हें गुमनाम भी दिखाई देगा
किसी बंध खिड़कियों के शोर तले दबा हुआ भी दिखाई देगा
बहार से हसता हुआ वो चहेरा
अंदर लाख गमों को छिपाता हुआ
मस्त मौला, मस्त मगन भी दिखाई देगा